आ मेरे होठों पर अपनी प्यास रख जा

आ मेरे होठों पर अपनी प्यास रख जा
मुहब्बत का हसीं वो अहसास रख जा

मेरा दिल तो कब से तेरे पास है पड़ा
तू भी दिल अपना मेरे पास रख जा

मुहब्बत में फ़ना होने को जो दिल करे
छुपा के चाहत में होशो हवास रख जा

आ हो जाएँ दो जिस्म एक जान हम
ऐसे मेरी साँसों में अपनी साँस रख जा

तू पास नहीं हो तो भी अक्स दिखे तेरा
ऐसी अपनी कोई मूरत तराश रख जा

शाम ए 'शजर' सुरमई हो तेरे वजूद से
सुकून ए ज़िंदगी ऐसा तालाश रख जा

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